विश्व कप में पाकिस्तान क्रिकेट टीम का एक चेहरा हर मौक़े पर आ गे दिखता है. इंग्लैंड के टॉन्टन में ऑस्ट्रेलिया के साथ मैच से पहले की तैयारियों में वो चेहरा बिल्कुल मोर्चे पर था. यहां तक कि वो व्यक्ति पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की हरे रंग की पोशाक भी नहीं पहनता है. यह चेहरा मैन चेस्टर में भारत-पाकिस्तान के मैच से पहले भी मैदान पर पिच के मुआयने में कप्तान और कोच से बातचीत करता दिखा. वो चेहरा नेट में प्रैक्टिस के वक़्त अपने खिलाड़ियों को गुरु मंत्र देता दिखता है. चेहरे पर बड़ी दाढ़ी और पहनावा पारंपरिक शलवार कमीज़. इसी तेवर और कलेवर में इंज़माम हर जग ह वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की टीम के साथ दिखते हैं. अगर कोई इंज़माम-उल-हक को नहीं पहचानता हो तो वो धोखा खा सकता है कि मैदान में एक मौलवी कहां से आ गया. ऐ सा ही एक वाकया टि्वटर पर सक्रिय रहने वाले तारेक फतेह के साथ भी हुआ, जब वो खुद उनकी वेश- भूषा से घोखा खा गए. इज़माम अपनी मौजूदगी का अहसास हमेशा कराते हैं लेकिन सवाल ये है कि मुख्य चय नकर्ता के तौर पर पाकिस्तान की टीम को उनका कितना फायदा मिल रहा है. पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि मुख्